मध्य प्रदेश सरकार ने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एमपी भूलेख पोर्टल (MP Bhulekh) की शुरुआत की। यह पोर्टल नागरिकों को अपनी भूमि से जुड़े दस्तावेज़, नक्शे, खसरा-खतौनी आदि की जानकारी आसानी से उपलब्ध कराता है। इस पोर्टल का उपयोग करने के लिए, KYC (Know Your Customer) प्रक्रिया को पूरा करना आवश्यक है।
KYC का महत्व
KYC प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य उपयोगकर्ता की पहचान सत्यापित करना है ताकि पोर्टल का दुरुपयोग रोका जा सके। KYC के माध्यम से भूमि मालिक या उपयोगकर्ता की सही जानकारी सुनिश्चित होती है।
एमपी भूलेख में KYC प्रक्रिया का चरणबद्ध विवरण
1. एमपी भूलेख पोर्टल पर जाएं
- सबसे पहले, एमपी भूलेख पोर्टल MP Bhulekh पर जाएं।
- पोर्टल का होमपेज खुलने पर, सबसे पहले लॉगिन करना होगा। यदि आपके पास लॉगिन आईडी नहीं है तो पहले लॉगिन आईडी क्रिएट कर लें।
- लॉगिन करने के पश्चात भूमिस्वामी आधार eKYC के ऑप्शन पर क्लिक करें।
2. भूमि रिकॉर्ड की जानकारी भरें
- KYC प्रक्रिया को पूरा करने के लिए अपनी भूमि से जुड़े विवरण जैसे - जिला, तहसील (ब्लॉक) और गांव, खसरा नंबर दर्ज करें फिर विवरण देखें पर क्लिक करें।
- इस जानकारी से पोर्टल आपकी भूमि की जानकारी को आपके प्रोफाइल से लिंक करेगा।
- तत्पश्चात भूमि से जुड़ी सभी जानकारी दिखने लगेगी जैसे भूमिस्वामी के नाम, खसरा नंबर इत्यादि।
3. आधार कार्ड की जानकारी दर्ज करें
- जिसका eKYC करना है उस भूमि स्वामी के नाम पर क्लिक करें।
- आधार नं. दर्ज करें, ओटीपी जेनरेट कर ओटीपी दर्ज करें।
- भूमि स्वामी का नाम दिखाने लगेगा।
4. मोबाइल नंबर दर्ज करें
- KYC प्रक्रिया शुरू करने के लिए आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा।
- दर्ज किए गए नंबर पर एक OTP (वन-टाइम पासवर्ड) भेजा जाएगा।
- OTP को पोर्टल पर दर्ज करें और "सत्यापित करें" पर क्लिक करें।
5. विवरण की समीक्षा और सबमिट करें
- एक बार सभी जानकारी भरने के बाद, पूरी जानकारी की समीक्षा करें।
- सुनिश्चित करें कि भरी गई जानकारी सही और त्रुटिरहित है।
- "सबमिट करें" बटन पर क्लिक करें।
6. सत्यापन और अनुमोदन
- आपकी KYC जानकारी को पोर्टल द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
- सत्यापन पूरा होने के बाद, आपको एक पुष्टि संदेश प्राप्त होगा।
- इसके बाद, आप पोर्टल की सभी सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
KYC प्रक्रिया के लाभ
1. पारदर्शिता:- KYC प्रक्रिया से भूमि रिकॉर्ड में पारदर्शिता बनी रहती है।
2. फर्जीवाड़ा रोकथाम:- यह प्रक्रिया भूमि रिकॉर्ड से जुड़े फर्जीवाड़े को रोकती है।
3. ऑनलाइन सेवाओं का उपयोग:- KYC पूरी करने के बाद, आप एमपी भूलेख की सभी सेवाएं जैसे खसरा-खतौनी देखना, नक्शा डाउनलोड करना, और ऑनलाइन म्यूटेशन करना आसानी से कर सकते हैं।
4.समय की बचत:- KYC प्रक्रिया पूरी होने के बाद, आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते।
निष्कर्ष
एमपी भूलेख में KYC प्रक्रिया नागरिकों के लिए एक सरल और उपयोगी प्रणाली है, जो भूमि रिकॉर्ड की पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करती है। यदि आप मध्य प्रदेश में भूमि से संबंधित कार्यों को ऑनलाइन करना चाहते हैं, तो KYC प्रक्रिया को पूरा करना अनिवार्य है। इस प्रक्रिया को सही तरीके से और समय पर पूरा करके आप भूमि संबंधी सभी कार्यों को बिना किसी परेशानी के कर सकते हैं।
सुझाव: KYC करते समय सभी दस्तावेज़ सही और अद्यतन हों। यदि किसी प्रकार की समस्या आए, तो एमपी भूलेख पोर्टल की सहायता सेवा से संपर्क करें।