भारत का बजट 2025 - सब कुछ जानें

फ़रवरी 2025 के भारत के केंद्रीय बजट का विस्तृत विश्लेषण

भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष प्रस्तुत किया जाने वाला केंद्रीय बजट देश की आर्थ‍िक दिशा और योजनाओं का रोडमैप प्रस्तुत करता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फ़रवरी 2025 को लगातार आठवाँ बजट प्रस्तुत किया गया केंद्रीय बजट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आया है, जिसमें न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपाय किए गए हैं, बल्कि सामाजिक कल्याण, पर्यावरणीय संरक्षण, और डिजिटलीकरण के क्षेत्र में भी कदम उठाए गए हैं। इस लेख में हम 2025 के केंद्रीय बजट के हर पहलू का विस्तार से विश्लेषण करेंगे।

1. बजट 2025 का मुख्य उद्देश्य

भारत के केंद्रीय बजट का मुख्य उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करना है। वित्त मंत्री ने इस बजट को “आधुनिक भारत के निर्माण” की दिशा में एक अहम कदम बताया है, जिसमें सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जाएगा। खास तौर पर, यह बजट रोजगार सृजन, कृषि क्षेत्र में सुधार, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, और पर्यावरणीय संरक्षण पर जोर देता है।

2. बजट का आकार और वित्तीय प्रबंधन

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 का कुल आकार ₹50.65 लाख करोड़ निर्धारित किया है। यह पिछले वर्ष के बजट से लगभग 7.4% अधिक है, जो भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था और महंगाई की दर को ध्यान में रखते हुए एक संतुलित वृद्धि का संकेत देता है। सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटे को 4.5% के भीतर बनाए रखना है, जो कि भारत के स्थिर वित्तीय ढांचे के लिए महत्वपूर्ण है।

3. कर प्रणाली और टैक्स संबंधी बदलाव

3.1 व्यक्तिगत आयकर

इस बजट में व्यक्तिगत आयकर में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। सरकार ने नए टैक्स रिजीम वालों के लिए सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट 60 हजार रुपये कर दिया है. यानी 12 लाख रुपये की आदमनी पर स्लैब के हिसाब से 60 हजार रुपये का टैक्स बनेगा जो कि रिबेट के तौर पर माफ़ हो जाएगा. यह रिबेट अब तक 25 हज़ार रुपये था, जिसे अब 60 हज़ार कर दिया गया है।

12 लाख तक इनकम टैक्स फ्री

खास तौर पर, सरकार ने निम्न और मध्यवर्गीय आय वर्ग को राहत देने के लिए आयकर स्लैब में बदलाव किए हैं। आयकर स्लैब को इस प्रकार संशोधित किया गया है:

Change in New Tax Regime

INCOME SLAB

FY25 RATE

0-4L

NIL

4-8L

5%

8-12L

10%

12-16L

15%

16-20L

20%

20-24L

25%

>24L

30%

    इसके अतिरिक्त, बजट 2025 में सीनियर सिटिजन के लिए टैक्स डिडक्शन बढ़ाने का निर्णय एक महत्वपूर्ण कदम है, जो वृद्ध नागरिकों को वित्तीय राहत प्रदान करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, अब सीनियर सिटिजन को 50,000 रुपये की बजाय 1 लाख रुपये तक टैक्स डिडक्शन मिलेगा। इससे उन्हें अपनी आय पर कम टैक्स देना होगा, और उनकी बचत पर ज्यादा ध्यान दिया जा सकेगा।

    इसके अलावा, नए इनकम टैक्स बिल का फोकस मिडिल क्लास पर होगा, जो उनकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में मदद करेगा। यह कदम उनके खर्चों को कम करने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में सहायक होगा।

    आपको क्या लगता है, इससे मिडिल क्लास और सीनियर सिटिजन पर किस तरह का असर पड़ेगा?

    4. कृषि क्षेत्र और ग्रामीण विकास

    कृषि मंत्री शिवराज सिंह का यह बयान बताता है कि बजट 2025 में ग्रामीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। 1 लाख 88 हजार 754 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को प्राथमिकता देने का संकेत है। यह पिछले बजट से 11,754 करोड़ रुपये अधिक है, जो इस क्षेत्र में और अधिक निवेश को दर्शाता है।

    इसके अलावा, मनरेगा के लिए 86 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान यह सुनिश्चित करता है कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, खासकर प्रवासी मजदूरों के लिए, जो कई बार संकट के दौरान अपनी आजीविका खो देते हैं।

    इस प्रकार के आवंटन से ग्रामीण विकास, बुनियादी ढांचे, और रोजगार सृजन में सुधार की उम्मीद की जा सकती है। आपको क्या लगता है, इससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति में कितना बदलाव आ सकता है?

    4.1 प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि

    बजट 2025 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के लिए आवंटन को 63,500 करोड़ रुपये पर बरकरार रखना एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह योजना किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। हालांकि, इस बार कुछ किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा, जिनकी संख्या 11 लाख बताई जा रही है।

    इस निर्णय से यह साफ है कि सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन साथ ही कुछ बदलाव या कड़ी शर्तें लागू हो सकती हैं, जो जिन किसानों को पहले लाभ मिल रहा था, उन्हें अब इसका लाभ न मिले। यह कदम योजना को और अधिक लक्षित और प्रभावी बनाने के लिए हो सकता है।

    क्या आपको लगता है कि इस तरह के बदलावों से योजना का प्रभावकारी तरीके से कार्यान्वयन होगा या इससे किसानों को कोई असुविधा हो सकती है?

    4.2 कृषि उन्नति योजना

    बजट 2025 में कृषि सेक्टर पर ध्यान केंद्रित करना और उसे अर्थव्यवस्था का "पहला इंजन" बनाने की दिशा में कई अहम कदम उठाए गए हैं। इस बार कृषि क्षेत्र को विशेष महत्व दिया गया, और किसानों के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं:

    1. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा में बढ़ोतरी: किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है। यह कदम किसानों को अधिक ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे वे अपनी फसल उगाने के लिए अधिक पूंजी जुटा सकें और खेती में निवेश बढ़ा सकें।

    2. कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता: कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, सिंचाई, और कृषि उपज के मूल्यवर्धन पर ध्यान देने के साथ-साथ नए तकनीकी उपायों की पेशकश की गई है।

    3. कृषि में डिजिटल और तकनीकी नवाचार: कृषि में डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए भी कुछ योजनाएं बनाई गई हैं, ताकि किसान डेटा-आधारित निर्णय ले सकें और उनकी उत्पादकता बढ़ सके।

    4. फसल बीमा और सुरक्षा योजनाओं को सुदृढ़ किया गया: किसानों के लिए सुरक्षा योजनाओं में सुधार किया गया है, ताकि प्राकृतिक आपदाओं के कारण उनकी आय में गिरावट को कम किया जा सके।

    यह सब कदम कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं और किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार ला सकते हैं। आपको लगता है कि इस तरह के उपाय किसानों के लिए कितना फायदेमंद साबित होंगे?

    5. बिहार पर फोकस

    बजट 2025 में बिहार के लिए की गई ये 7 बड़ी घोषणाएं राज्य के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती हैं।

    1. मखाना बोर्ड का गठन: बिहार के मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना से किसानों को लाभ मिलेगा और राज्य को मखाना के प्रमुख उत्पादक के रूप में पहचान मिल सकती है।

    2. IIT पटना का विस्तार: आईआईटी पटना का विस्तार शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में राज्य की स्थिति को मजबूत करेगा और अधिक छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा मिलेगी।

    3. बिहटा और पटना एयरपोर्ट का विस्तार: यह बिहार में कनेक्टिविटी बढ़ाने और पर्यटन एवं व्यवसाय के क्षेत्र में अवसरों को खोलने में मदद करेगा।

    4. नेशनल फूड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट की स्थापना: यह खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए एक अहम पहल है, जिससे राज्य के कृषि उत्पादों की वैल्यू एडिशन हो सकेगी।

    5. वेस्टर्न कोसी नहर परियोजना: यह परियोजना बिहार के पश्चिमी क्षेत्र में जल आपूर्ति और सिंचाई के क्षेत्र में सुधार करेगी, जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हो सकती है।

    6. तीन नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट: नए एयरपोर्ट राज्य में कनेक्टिविटी को बेहतर करेंगे और बिहार को एक वाणिज्यिक और पर्यटन हब बनाने में मदद करेंगे।

      इन घोषणाओं से राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, कृषि, और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में विकास होगा, जो बिहार के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। आपको इनमें से कौन सी योजना सबसे ज्यादा प्रभावी लगती है?

      6. इंफ्रास्ट्रक्चर और शहरी विकास 

      वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हालिया ऐलान से राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर पैदा हुआ है, खासकर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए। 1.5 लाख करोड़ रुपये तक का ब्याजमुक्त लोन मिलने से राज्यों को अपनी परियोजनाओं को सस्ते ब्याज दरों पर फंड करने का मौका मिलेगा। यह कदम सरकार की विकास रणनीति और इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल है।

      इसके साथ ही मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, खासकर खिलौनों की इंडस्ट्री में भारत को ग्लोबल हब बनाने के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं, जो न केवल रोजगार सृजन में मदद करेंगी, बल्कि निर्यात को भी बढ़ावा देंगी। माइक्रो और छोटे उद्योगों के लिए भी कई योजनाएं बनाई जा रही हैं ताकि वे बढ़ सकें और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे सकें।

      7. डिजिटल इंडिया और तकनीकी विकास

      केंद्रीय बजट 2025 में डिजिटल परिवर्तन पर जो जोर दिया गया है, वह देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। बजट का एआई-संचालित आधुनिकीकरण, डिजिटल कौशल विकास, और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देना भारत को ग्लोबल डिजिटल हब बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

      एआई-संचालित आधुनिकीकरण: यह भविष्य के व्यवसायों और उद्योगों को स्मार्ट, अधिक कुशल, और प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाने से उत्पादकता में सुधार होगा और विभिन्न क्षेत्रों में नवीनता आएगी।

      डिजिटल कौशल: डिजिटल कौशल पर जोर देने से न केवल नौकरी के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि यह भारत को डिजिटल युग में नेतृत्व करने के लिए तैयार करेगा। इससे आने वाले समय में युवाओं को बेहतर रोजगार मिल सकेगा, खासकर तकनीकी और डिजिटल क्षेत्र में।

      स्टार्ट-अप विकास: स्टार्ट-अप के लिए विशेष प्रोत्साहन से नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे न केवल रोजगार सृजन होगा बल्कि नए-नए विचार और उत्पाद भी सामने आएंगे।

      यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को अधिक आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और वैश्विक स्तर पर प्रासंगिक बनाने में सहायक होंगे। आपको लगता है कि इस डिजिटल बदलाव से किस क्षेत्र में सबसे ज्यादा लाभ होगा?

      8. राज्य और केंद्र सरकार की साझेदारी

      बजट 2025 में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा किए गए इस ऐलान से राज्यों को महत्वपूर्ण समर्थन मिलेगा। 1.5 लाख करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण 50 साल की अवधि के लिए दिया जाएगा, जो कि राज्यों को उनकी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को फाइनेंस करने में बड़ी मदद करेगा। यह कदम राज्यों को अपने बुनियादी ढांचे, जैसे सड़कें, पुल, जल आपूर्ति, और अन्य आवश्यक परियोजनाओं में सुधार करने का अवसर देगा, बिना अतिरिक्त ब्याज लागत के।

      यह ऋण राज्यों के विकास को तेज़ी से बढ़ाने में मदद कर सकता है और उनके आर्थिक समृद्धि में योगदान कर सकता है। साथ ही, यह सरकारी बजट के दबाव को भी कम करेगा, क्योंकि राज्यों को बिना ब्याज के लंबी अवधि के लिए धन उपलब्ध होगा।

      क्या आपको लगता है कि इस प्रकार का कदम राज्यों में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को तेजी से बढ़ावा दे सकता है?

      निष्कर्ष

      भारत का केंद्रीय बजट 2025 न केवल अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए योजनाओं से भरपूर है, बल्कि यह सामाजिक और पर्यावरणीय लक्ष्यों को भी प्राथमिकता देता है। यह बजट न केवल आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करता है, बल्कि देश की सामाजिक संरचना में सुधार लाने और भविष्य के लिए टिकाऊ विकास की नींव रखने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।